Detailed Notes on upay totke
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जैतसिंह चुण्डावत- मुक़ाबला जीतने हेतु इस वीर ने स्वयं अपना सिर काटकर फेंका था दुर्ग में »
आपको पता होगा कि गीता जैसे महाकाव्य में इस बात को भगवान श्री कृष्ण के द्वारा स्पष्ट किया गया है कि बिना कर्म के कुछ भी प्राप्त करना कल्पना मात्र है. गीता के अनुसार
* इस दिन काली चींटियों को शकर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप-कर्मों का क्षय होगा और पुण्य-कर्म उदय होंगे। यही पुण्य-कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे।
शास्त्रों और पुराणों में रुद्राक्ष की काफी महिमा बताई गई है, क्योंकि रुद्राक्ष भगवान शंकर को बहुत ही ज्यादा पसंद है.
अगर आप ऐसा करते हैं तो हनुमान भगवान की कृपा से निश्चित ही आपको इंटरव्यू में सफलता मिलेगी और आपको आपकी मनचाही नौकरी प्राप्त हो जाएगी. हनुमान चालीसा का पाठ करते समय आपको किसी से कुछ भी नहीं बोलना है ना ही किसी से कोई बात करनी हैऔर न किसी अन्य प्रकार का विचार मन में होना चाहिये , वरना आपकी हनुमान चालीसा बीच में ही खंडित हो जाएगी.
नोट : यह तमाम जानकारी जनरुचि को ध्यान में रखकर दी जा रहा है, ज्योतिष और धर्म के उपाय और सलाहों को अपनी आस्था और विश्वास पर आजमाएं। कंटेंट का उद्देश्य मात्र आपको बेहतर सलाह देना है। इस संदर्भ में हम किसी प्रकार का कोई दावा नहीं करते हैं।
इसका सरल शब्दों में मतलब है कि जो व्यक्ति हर रोज अपने बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर उनकी सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या,ज्ञान यश और शक्ति लगातार बढ़ती जाती है।
सोते समय सिर पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए. दक्षिण की ओर सिर करके न सोएं.
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वेतन आने पर सबसे पहले उसका एक निश्चित भाग निकालकर घर की तिजोरी या अपने पर्स में रखें और उन्हें जरूरत पड़ने पर भी खर्च न करें.
बुधवार के दिन कन्याओं को हरे वस्त्र या हरी चूड़ियों का दान करें.
बाधामुक्ति कवच बुरी नजर से बचाव करता है। तंत्र-मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटता है व शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या की अवधि में विशेष रूप से शुभ रहता है। इसके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा click here का संचार धारक को आशा और उन्नति की ओर लेकर जाता है।
सोमवार के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग पर अक्षत, सफेद चंदन, धतूरा, दूध, आक, गंगाजल और कच्चे चावल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें और फिर चावल मे मिल तिल को दान कर दें। इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र का जप और शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा और जीवन में धन धान्य की वृद्धि होगी।
इस प्रक्रिया से आपकी आर्थिक समस्याएँ या जीवन की अन्य कठिनाइयाँ दूर हो जाएंगी.